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संक्रांति के प्रकार



सप्ताह में जिस दिन सूर्य एक राशि से दूसरी में प्रवेश करता है, उस दिन के नाम के आधार पर संक्रांति का नामकरण किया जाता है 'ये बारह संक्रान्तियाँ सात प्रकार की, सात नामों वाली हैं, जो किसी सप्ताह के दिन या किसी विशिष्ट नक्षत्र के सम्मिलन के आधार पर उल्लिखित हैं; वे ये हैं- मन्दा, मन्दाकिनी, ध्वांक्षी, घोरा, महोदरी, राक्षसी एवं मिश्रिता।

क्रमांक
संक्रमण का दिन
संक्रांति का नाम
1
रविवार
घोरा
2
सोमवार
ध्वांक्षी
3
मंगलवार
महोदरी
4
बुधवार
मन्दाकिनी
5
बृहस्पतिवार
मन्दा
6
शुक्रवार
मिश्रिता
7
शनिवार
राक्षसी
 इसके अतिरिक्त कोई संक्रान्ति यथा मेष या कर्क आदि क्रम से मन्दा, मन्दाकिनी, ध्वांक्षी, घोरा, महोदरी, राक्षसी, मिश्रित कही जाती है, यदि वह क्रम से ध्रुव, मृदु, क्षिप्र, उग्र, चर, क्रूर या मिश्रित नक्षत्र से युक्त हों।
27 या 28 नक्षत्र निम्नोक्त रूप से सात दलों में विभाजित हैं-
1. ध्रुव (या स्थिर) – उत्तराफाल्गुनीउत्तराषाढ़ाउत्तराभाद्रपदारोहिणी
2. मृदु – अनुराधाचित्रारेवतीमृगशीर्ष
3. क्षिप्र (या लघु) – हस्तअश्विनीपुष्य, अभिजित
4. उग्र – पूर्वाफाल्गुनीपूर्वाषाढ़ापूर्वाभाद्रपदाभरणीमघा
5. चर – पुनर्वसुश्रवणधनिष्ठास्वाति , शतभिषक
6. क्रूर (या तीक्ष्ण) – मूलज्येष्ठाआर्द्राआश्लेषा
7. मिश्रित (या मृदुतीक्ष्ण या साधारण) – कृत्तिकाविशाखा

ऐसा उल्लिखित है कि ब्राह्मणों के लिए मन्दा नामक संक्रांति,
 क्षत्रियों के लिए मन्दाकिनी नामक संक्रांति
वैश्यों के लिए ध्वांक्षी नामक संक्रांति
शूद्रों के लिए घोरा नामक संक्रांति,
चोरों के लिए महोदरी नामक संक्रांति,
मद्य विक्रेताओं के लिए राक्षसी नामक संक्रांति
 तथा
चाण्डालों, पुक्कसों तथा जिनकी वृत्तियाँ (पेशे) भयंकर हों एवं अन्य शिल्पियों के लिए मिश्रित संक्रान्ति श्रेयस्कर होती है |


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