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शनि की साढ़ेसाती / ढैय्या / दशा के उपाय:


 



पुराणों की मानें तो शनि देव को परमात्मा ने सभी लोकों का न्यायाधीश, मनुष्यों के कर्मों का निर्णायक बनाया है, और यथोचित पुरस्कार अथवा दंड देने का अधिकार दिया है।

शनिदेव त्रिदेव और ब्रह्मांड निवासियों में बिना किसी भेद के उनके किए कर्मों की सजा उन्हें देते हैं।
इसके साथ ही वह शराब का सेवन करने वाले,  मांस भक्षण करने वाले,  ब्याज लेने वालेपर स्त्री के साथ संबंध रखने वाले लोगों एवं व्यभिचार करने वाले और अपनी ताकत के बल पर किसी के साथ अन्याय करने वाले का शनि देव कई जन्मों तक पीछा करते हैं और उसे उसके कर्मों के अनुरूप फल देते हैं।

जन्मकालीन शनि निर्बल होने के कारण अशुभ फल देने वाला हो या शनि कि साढ़े-साती व ढैया अशुभ कारक हो तो निम्नलिखित उपाय करने से बलवान हो कर शुभ फल दायक हो जाता है |

शनि का रत्न नीलम लोहे या सोने की अंगूठी में पुष्य ,अनुराधा ,उत्तरा भाद्रपद नक्षत्रों में जड़वा कर शनिवार को सूर्यास्त के बाद पुरुष दायें हाथ की तथा स्त्री बाएं हाथ की मध्यमा अंगुली में धारण करें | धारण करने से पहले ॐ प्रां प्रीं प्रों सः शनये नमः मन्त्र के १०८ उच्चारण से इस में ग्रह प्रतिष्ठा करके धूप, दीप, नीले पुष्प, काले तिल व अक्षत आदि से पूजन कर लें |

नीलम की सामर्थ्य हो तो उपरत्न संग्लीली , लाजवर्त भी धारण कर सकते हैं | काले घोड़े कि नाल या नाव के नीचे के कील का छल्ला धारण करना भी शुभ रहता है


काले घोड़े की नाल या नाव (किश्ती) की कील का छल्ला बनवाकर,  शुक्रवार शाम को एक लोहे की कटोरी में काले तिल व सरसों का तेल डालकर उसमें डुबो दें । शनिवार की शाम को सूर्यास्त के समय अंगुठी निकालकर हाथ की मध्यमा अंगुली में पहनें | तत्पश्चात तिल वाला तेल पीपल के पेड़ पर डाल दें।

शनिवार के नमक रहित व्रत रखें | प्रां प्रीं प्रों सः शनये नमः मन्त्र का २३ ००० की संख्या में जाप करें | शनिवार को काले उडद, तिल, तेल, लोहा, काले जूते, काला कम्बल,  काले रंग का वस्त्र इत्यादि का दान करें |

हनुमान मंदिर में जाकर हनुमान चालीसा का पाठ करने से चमत्कारिक फल मिलता है। हनुमान चालीसा शनि दोष शान्ति हेतु रामबाण औषधि है।

किसी लोहे के पात्र में सरसों का तेल डालें और उसमें अपने शरीर की छाया देखें | इस तेल को पात्र दक्षिणा सहित शनिवार को संध्या काल में दान कर दें |

शनिवार को शनि ग्रह की वस्तुएं न दान में लें और न ही बाजार से खरीदें।

शनिवार व मंगलवार को बंदरों को गुड़ चना खिलाएं, लाभ होगा।

मिट्टी के बर्तन में सरसों का तेल भरकर पानी में तालाब, नदी के किनारे शाम को दबा दें।

भैरों मंदिर में सायंकाल शराब चढ़ाएं व क्षमा याचना मांगे।

शनिवार को 8 लोहे के कटोरे सरसों के तेल से भर दें। शनिवार को सायंकाल आक के पेड़ की जड़ में इन कटोरों का तेल डालकर कटोरों को उलटा कर प्रार्थना करें कि मेरे सब कष्टों को दूर करो। फिर पीछे मुड़कर न देखें।

शनिवार को कीड़े-मकोड़ों को काले तिल डालें।

शनिवार को श्मशान घाट में लकड़ी दान करें।

 सात शनिवार सरसों का तेल सारे शरीर में लगाकर नहाएं।

 सात शनिवार को सात बादाम तथा काले उड़द की दाल धर्म स्थान में दान करें।

शनिवार को काले उड़द की दाल पीस कर उसके आटे की गोलियां बनाकर मछलियों को खिलाएं।

 शनिवार के दिन उड़द दाल की खिचड़ी खाने से भी शनि दोष के कारण प्राप्त होने वाले कष्ट में कमी आती है।

लगातार सात शनिवार इस प्रकार करने से समस्याओं का प्रभाव कम हो जाएगा और हनुमानजी के साथ ही शनिदेव की कृपा भी प्राप्त होगी।

अश्वमेघ यज्ञ का फल: शनिवार को एक मुख का गोला ऊपर से इस प्रकार से काट लें कि गोले का ढक्कन बन जाये। फिर इस गोले में उड़द साबुत, काले तिल, सफेद तिल, शक्कर गुड़ वाली व एक चम्मच गाय का घी मिलाकर भर दें। फिर ढक्कन से बंद कर दें और ढक्कन पर चार मोची कीलें लगा दें। फिर किस पार्क या जंगल में मकोड़ों की जगह गड्डा करके दबा दें। मकोड़ों को एक महीने का राशन मिल जायेगा और वे आपको आशीर्वाद देंगे।

शनि का श्रेष्ठ उपाय  : शनिवार को सायंकाल कोकिलावन (कोसी) में परिक्रमा करके शनिदेव के दर्शन करके भगवान श्री कृष्ण के दर्शन करें |

महाराष्ट्र के अहमद नगर से 30 कि.मी. दूर शनि शिंगणापुर में दर्शन करने से भी शनिदेव शांत होकर आशीर्वाद देते हैं
इस क्षेत्र की प्रसद्धि कहावत है :
देव है, देवालय नहीं।
घर है, द्वारा नहीं
वृक्ष है, पर छाया नहीं।
अनुष्ठान में जप हेतु शनि के निम्न कोई भी मंत्र का जप करवाएं। -
।।ऊँ शं शनैश्चराय नमः।। -
।।ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।।  
।।ऊँ शन्नौदेवी रभिष्ठयऽआपो भवंतु पीतते। शंरुयोरभिश्रवंतु नः।।

पद्म पुराण में वर्णित शनि के दशरथ को दिए गए वचन के अनुसार जो व्यक्ति श्रद्धा पूर्वक शनि की लोह प्रतिमा बनवा कर शमी पत्रों से दशरथ कृत शनि स्तोत्र द्वारा पूजन करके तिल ,काले उडद व लोहे का दान प्रतिमा सहित करता है तथा नित्य विशेषतः शनिवार को भक्ति पूर्वक इस स्तोत्र का जाप करता है उसे दशा या गोचर में कभी शनि कृत पीड़ा नहीं होगी और शनि द्वारा सदैव उसकी रक्षा की जायेगी |

3 comments:

  1. Without putting heat how can I make ring from boar iron nail ? Plz advice

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  2. इसको आग में गरम कर बना शकते है?

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    1. इसे आग में गर्म नही करना नही तो पूरा प्रभाव नष्ट हो जाएगा

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