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शनि जयंती



शनि जयंती
ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को दंड अधिकारी माना गया है। शनि की तिरछी नजर या टेढ़ी चाल का प्रभाव घातक माना जाता है। ये क्रूर ग्रह माने जाते हैं | इस समय शनि देव अपनी उच्च  राशि तुला में होने के साथ साथ ज्ञान, बुद्धि एवं प्रगति के स्वामी देवगुरु बृहस्पति के नक्षत्र मे विराजमान  हैं | इसलिए शनि जयंती का यह  दिवस आलस्य, कष्ट, विलंब, पीड़ानाशक होकर भाग्योदय का दुर्लभ अवसर है।
शनि जयंती पर किया गया दान-पुण्य शुभ फलों को प्रदान करने वाला होगा। गलत कार्य करने वाले लोगों को इस सावधान रहना होगा, अन्यथा कोई बड़ी परेशानी उत्पन्न हो सकती है।
शनि देव के विषय में यह कहा जाता है कि-
*      शनिदेव के कारण गणेश जी का सिर छेदन हुआ।
*      शनिदेव के कारण राम जी को वनवास हुआ था।
*      रावण का संहार शनिदेव के कारण हुआ था।
*      शनिदेव के कारण पांडवों को राज्य से भटकना पड़ा।
*      शनि के क्रोध के कारण विक्रमादित्य जैसे राजा को कष्ट झेलना पड़ा।
*      शनिदेव के कारण राजा हरिशचंद्र को दर-दर की ठोकरें खानी पड़ी।
*      राजा नल और उनकी रानी दमयंती को जीवन में कई कष्टों का सामना करना पड़ा था।

*      इस समय में ब्रह्मचर्य का पालन करें।
*       इस दुर्लभ योग में लक्ष्मीजी एवं गणेशजी का पूजन करें। इसका श्रेष्ठ फल प्राप्त होगा।
*       पितरों का श्राद्ध करें। ध्यान रखें, इस दिन शाम होने के बाद तीर्थों के जल में स्नान नहीं करें।
*       इस दिन हनुमानजी को चोला चढ़ाएं और हनुमानजी के दर्शन अवश्य करें।
*       सूर्योदय से पूर्व स्वयं के शरीर पर तेल मालिश करें।
*       गरीब और जरूरतमंद लोगों को अन्न, जल का दान करें। विकलांग व वृद्ध व्यक्तियों की सेवा करें।
*       पुराने वस्त्रों का दान करें। तेल में बनी खाद्य सामग्री का दान गाय, कुत्ता व भिखारी को करें।
*       वृक्ष आरोपण करें।
*       रात के समय पीपल के चारों ओर घी के दीपक लगाएं। उड़द की दाल का छिड़काव करें।
राशि अनुसार शनि ग्रह का फल तथा किये जाने वाले उपाय

*      मेष- आपकी राशि से सप्तम स्थान से शनि का गोचर होने से दांपत्य जीवन में परेशानी, साझेदारी में तनाव, व्यवसाय में वृद्धि, कोर्ट में लाभ, धार्मिक यात्राएं हो सकती है |
*      उपाय - हनुमान चालीसा का पाठ करना लाभकारी होगा|
शनि जयंती के दिन सरसों के तेल का दान गरीबों में दें।

*       वृषभ- शनि जयंती पर गरीबों को अन्न दान करें। इस उपाय से पुराने समय से चली रही बीमारियां दूर हो जाएंगी। धन लाभ होगा और शनि दोष शांत होंगे।आपकी राशि से षष्टम स्थान से शनि का गोचर मान सम्मान, पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि, स्थायी सम्पति में लाभ, दांपत्य जीवन में सुख, धन लाभ, शत्रु विजय की स्थिति देगा|
*      उपाय - कपिला गाय की सेवा करें, काली चीटियों को आटा डालें|
शनि जयंती के दिन श्रद्घानुसार ज्वार गरीब व्यक्ति या किसी गौशाला में दान दें।

*      मिथुन - आपकी राशि से पंचम स्थान से शनि का गोचर कार्यस्थल में परिवर्तन, मित्रों से लाभ, संतान और धन की चिंता, शेयर में हानि के योग, प्रयास से लाभ दे सकता है | घर-परिवार में धार्मिक वातावरण निर्मित होगा। धर्म में रुचि होगी। घर पर मेहमानों का आगमन हो सकता है। कोई बड़ा कार्य पूर्ण हो सकता है।
*      उपाय - काले कपड़े में साबुत उड़द और काला तिल बांधकर शनि मंदिर में दान करें|
शनि जयंती के दिन उड़द के आटे की गोलियां बनाकर मछलियों को डालें।

*       कर्क- आपकी राशि में शनि की लघु कल्याणी चतुर्थ स्थान में होने से नेष्टप्रद है, धनहानि, मानसिक कष्ट, व्यर्थ खर्च से चिंता, राजभय, दांपत्य और संतान में कष्ट के योग हैं | गुरु और वृद्धों के प्रति सम्मान का भाव रखें
*      उपाय - पीपल पर जल चढ़ाएं, 7 परिक्रमा करें, काले उड़द और काले तिल के आटे से बने दीपक को लगाएं, विशेष लाभ होगा|
शनि जयंती के दिन शिवलिंग पर बिल्व पत्र अर्पित करें। गरीब और अपाहिजों को भोजन कराना शुभ रहेगा।

*       सिंह- इस वर्ष शनि देव आपको कोई बड़ी सफलता दिलवा सकते हैं। शनि जयंती पर आपके लिए बहुत शुभ योग बन रहे हैं। घर-परिवार में उत्साह बना रहेगा। कार्यों में बड़ी सफलता मिलेगी। पद प्रतिष्ठा में वृद्धि, लाभकारी यात्राएं, अकस्मात लाभ, भूमि में लाभ, नौकरी-व्यापार में प्रयास करने पर सफलता के योग बन रहे हैं|
*      उपाय - आपके लिए शनि गायत्री का मंत्र करना विशेष लाभकारी और स्वास्थ्य के हित में होगा| मंत्र- भगभवाय विद्महे मृत्युरुपाय धीमहि, तन्नो शनि: प्रचोदयात्..
शनि जयंती के दिन मां भगवती के श्रीचरणों में गुलाब के 108 फूल अर्पित करें। श्री शनिदेव के श्रीचरणों में तेल चढ़ाएं।

*      कन्या- आपकी राशि में शनि की साढ़ेसाती का सोने के पाये के साथ अंतिम ढैय्या होने से मिश्रित फलदायी होगा. स्वजनों से विरोध अपयश, अत्यधिक व्यय से चिंता, किन्तु परिश्रम से स्थिति काबू में होगी, धन लाभ, समाज और कार्यस्थल पर पद लाभ होगा |
*      उपाय - महामुनि पिप्लादकृत शनि के 10 नामों का स्मरण करें. अनुकूलता आएगी| मंत्र-
कोणस्थ:पिंगलो वभ्रु: कृष्णौ रौद्रान्त को यम:, सौरि: शनैश्चरौ मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:॥ - अर्थात् कोणस्थ, पिंगल, बभ्रु, कृष्ण, रौद्रान्तक, यम, सौरि (सूर्यपुत्र), शनैश्चर, मन्द, पिप्पलाश्रय. 
शनि जयंती के दिन वट वृक्ष के पेड़ में जल अर्पित करें। तवा, अंगीठी काले कपड़े का दान करना शुभ रहेगा।

*       तुला- शनि जयंती पर बन रहे योगों के कारण इस राशि के लोगों का आर्थिक आधार मजबूत होगा। कोई बड़ी जिम्मेदारी मिलने की संभावना है। व्यस्तता बढ़ेगी।
आपकी राशि पर शनि का भ्रमण और दूसरा ढैय्या हृदय पर चांदी के पाये का होने से शुभाशुभ फल की प्राप्ति होगी. मानसिक तनाव, पारिवारिक क्लेश, भूमि, व्यापार-व्यवसाय में विशेष प्रयास से लाभ के योग हैं. तरक्की भी संभव है|
*       उपायशनि जयंती के दिन गरीब कन्याओं को दूध और दही का दान दें। साथ ही, शनि मंदिर जरूर जाएं।
दशरथकृत शनि स्त्रोत का पाठ शनिजनित पीड़ा में लाभ देगा|
दशरथकृत शनि स्त्रोत-
नमस्ते कोण संस्थाय पिंगलाय नमोऽस्तुते
नमस्ते बभ्रुरुपाय कृष्णाय नमोऽस्तुते
नमस्ते रौद्रदेहाय नमस्ते चांतकाय
नमस्ते यमसंज्ञाय नमस्ते सौरये विभौ
नमस्ते मंदसंज्ञाय शनैश्चर नमोऽस्तुते
प्रसादं कुरू में देवेश दीनस्य प्रणतस्य

*       वृश्चिक-  आपकी राशि पर साढ़ेसाती का प्रथम ढैय्या सिर पर लोहे के पाये का होने से अशुभकारी है| धन की परेशानी, मानसिक-शारीरिक पीड़ा, नौकरी-व्यवसाय में कष्ट, अपयश, पारिवारिक तनाव के योग व्यर्थ यात्राएं हो सकती हैं| लेकिन शनि और राहु आपको अचानक ही कोई बड़ी सफलता दिलवा सकते हैं।  
*       उपायशनि जयंती के दिन नैतिकता का दामन पकड़े रहें। साथ ही, पीपल के पेड़ में जल चढ़ाएं। साबूत मसूर किसी सफाई कर्मचारी को दान में दें।
शनि के मंत्र का जाप करें-
शं शनैश्चराय नम:,
साथ ही शनि की पत्नी के नामों के स्मरण से शनि प्रसन्न होते हैं|
ध्वजनि धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिया, कंटकी कलही चाडथ तुरंगी महिषी अजा.. शनेनभिमानी पत्नी नामेताति संजपन् पुमान्. दुःखानि नाशयेनित्य सौभाग्यमेधते सुखम्.

*      धनु- आपकी राशि से शनि का तीसरे स्थान में गोचर से सभी तरह से लाभ के योग, धन, भूमि, मित्रों से लाभ, नौकरी में तरक्की, व्यापार-व्यवसाय में लाभ, मांगलिक कार्य के योग हैं| धनु राशि के लोगों को आने वाले समय में भौतिक सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होगी। आपको नवीन प्रभार भी मिल सकता है।
*      उपाय - लोहे के पात्र में तेल लेकर छायादान करें|
गरीबों की सेवा करें, कुष्ठ रोगों से ग्रसित लोगों की सेवा शनि के शुभ फलों में वृद्धि देगी|
शनि जयंती के दिन अंधे व्यक्ति को भोजन कराना अति लाभकारी रहेगा। चने की दाल कुष्ठ रोगियों को दान में दें।

*      मकर-  आपकी राशि से चतुर्थ स्थान से शनि का गोचर होने से आकस्मिक खर्च से मानसिक कष्ट, व्यापार, नौकरीपेशा लोगों को लाभ, स्थायी संपत्ति के योग, घर में वृद्धजनों के स्वास्थ्य की चिंता हो सकती है| आपकी राशि में शनि की लघु कल्याणी चतुर्थ स्थान में होने से नेष्टप्रद है, धनहानि, मानसिक कष्ट, व्यर्थ खर्च से चिंता, राजभय, दांपत्य और संतान में कष्ट के योग हैं |
*       उपायशनि जयंती के दिन पक्षियों को बाजारा डालें। शनि देव के श्रीचरणों में पीले पुष्प अवश्य चढ़ाएं।
शिव की आराधना करें, नम: शिवाय का जाप करें, बिल्वपत्र शिव को अर्पित करें, शनि की अनुकूलता प्राप्त होगी|

*       कुंभ- इस राशि का स्वामी स्वयं शनि है। शनि जयंती पर ग्रह स्वामी की कृपा से वरिष्ठ लोगों का संरक्षण प्राप्त होगा। आर्थिक आधार सुधरेगा एवं कार्यस्थल पर मान-सम्मान मिलेगा।

आपकी राशि से शनि का गोचर पंचम स्थान से गोचर होने से धन, संतान में लाभ, पारिवारिक क्लेश, लंबी तीर्थयात्राएं हो सकती है. विशेष प्रयास करने पर व्यापार नौकरी में उन्नति संभव है|
*       उपायशनि जयंती के दिन 800 ग्राम दूध अपने ऊपर से 8 बार उसार करके 800 ग्राम उड़द के साथ बहते पानी में प्रवाहित कर दें।
सदैव शनि चालीसा का पाठ करें, वृद्धों-गरीबों की सेवा करें आप पर शनि की अनुकंपा बनी रहेगी.

*       मीन- शनि जयंती पर नवीन उपलब्धि हासिल होगी। धन की प्राप्ति भी संभव है। आपकी राशि में शनि छटे स्थान में होने से नौकरी, व्यापार में परिवर्तन के योग, शारीरिक-मानसिक पीड़ा, धन की कमी, दांपत्य कष्ट, राजभय हो सकता है|
*       उपायशनि जयंती के दिन मिट्टी के पात्र में श्रद्घानुसार शहद भरकर मंदिर में रखकर जाएं।
हनुमान साधना करें, बजरंग बाण का पाठ विशेष लाभकारी होगा|
  

                                     

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