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शनि का वृश्चिक राशि मे गोचर




अब तक अपनी ऊंच राशि तुला मे भ्रमण कर रहे  शनि  अबवृश्चिक राशि मे प्रवेश कर रहे हैं | अब चूंकि शनि वृश्चिक अपनी शत्रु राशि, जो की काल पुरुष की आठ्वी राशि हैं, से संचार करेंगे | तो इस स्तिथि में शनि का धरती और प्राणियों पर क्या प्रभाव होगा यह देखना रोचक होगा | शनि के राशि परिवर्तन के साथ ही कन्या जातकों की साढ़े साती पूर्ण होगी
एवं तुला जातकों के लिए साढ़े साती का अंतिम जबकि वृश्चिक जातकों के लिए दूसरा चरण शुरू होगा। इसके अलावा धनु जातकों के लिए साढ़े साती का प्रारंभ समय है। सिंह व मेष जातकों के लिए शनि की छोटी पनौती रहेगी।
शनि के राशि परिवर्तन के समय सूर्य, शुक्र (स्वाति नक्षत्र ) और चन्द्र ( शतभिषा में ) तीनों ही राहू के नक्षत्र में हैं, मंगल केतु के नक्षत्र में है,  राहू मंगल के नक्षत्र में है और स्वयं शनि मंगल की राशि और बृहस्पति के नक्षत्र में है। शनि और मंगल में द्विद्वादश योग बन रहा है और शनि पर बृहस्पति की पंचम दृष्टि है। मंगल की केतु पर सीधी दृष्टि तथा गुरु पर नीच दृष्टि है, परिणाम स्वरूप भयानक प्राकृतिक आपदाएँ जैसे भूकम्प, समुद्री तूफान, सुनामी इत्यादि घटनाएँ बड़े स्तर पर होने की सम्भावना तथा कुछ जगहों पर युद्ध या धार्मिक उन्माद के कारण भयानक रक्तपात और जन - धन हानि की सम्भावना बनेगी। पश्चिम - दक्षिण के देश - प्रदेश अधिक प्रभावित होंगे। शनि का वृश्चिक राशि में जब तक निवास रहेगा और इस दौरान जब - जब सूर्य - चन्द्रमा,  मंगल - केतु इन सबका प्रभाव एक साथ आएगा, तब - तब पूरे विश्व में प्राकृतिक प्रकोप की भरमार रहेगी।
वृश्चिक राशि मे संचार करते हुये शनि मकर, वृष तथा सिंह राशियो पर दृष्टि तथा तुला, वृश्चिक व धनु पर साढ़े साती का प्रभाव रखेंगे | 3, 6, व 11वे भावो से पाप ग्रहो का गोचर लाभकारी माना जाता हैं चूंकि शनि की गिनती भी पापी ग्रह मे होती हैं अत: जिन राशि के शनि 3, 6 व 11वे भाव गोचर करेंगे उन्हे शुभफलों की प्राप्ति होगी तथा अन्य राशि वालो को मिलेजुले फल प्राप्त होंगे |
आइए जानते हैं की विभिन्न राशियों पर शनि के इस वृश्चिक राशि गोचर का क्या प्रभाव पड़ेगा |
1)मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए शनिदेव अष्टम भाव में गोचर करेंगें जो ढैय्या ( छोटी पनौती ) का सूचक है। मंगल की राशि और मंगल के ही स्थान पर होने के कारण शनि अत्यंत उद्विग्न रहेगा। इससे कार्यों की विकास गति प्रभावित होगी। आर्थिक तौर पर आपको थोड़ा सा संघर्ष करना पड़ सकता है। आजीविका मे परिवर्तन अथवा ऊठा पटक जैसे हालात बनेंगें, धन की पूर्ति बाधक होगी व अनावश्यक खर्चे बढ़ेंगे, संतान संबंधी कोई समस्या होने की संभावनाएं बनेंगी,  कमर पैर से संबन्धित कोई चोट इत्यादि लग सकती हैं | जीवन साथी के लिए अच्छे समाचार प्राप्त होंगे | किसी बड़े निवेश से बचना लाभदायक रहेगा |स्वयं का अवलोकन करें। सत्य का साथ दें। शोध पर विशेष ध्यान दें। सूर्य भगवान की और सूर्य यन्त्र की पूजा करे
उपाय
दशरथ शनि श्रोत का पाठ करे तथा प्रत्येक शनिवार किसी गरीब को सरसों का तेल दान करे |
2)वृष राशि
शुक्र की राशियों के लिए शनि योगकारक होता है इसलिए शुक्र की दोनों राशियों में शनि प्रसन्न रहता है
गोचरस्थ शनि की सप्तम भाव से जन्मकालीन चन्द्र पर पूर्ण दृष्टि, भाग्योदय का समय बनेगा | सप्तम भाव गृहस्थ जीवन व सहभागिता का स्थान है। जीवनसाथी व पिता हेतु शुभ समाचार प्राप्त होंगे,  कोई भागीधारी का प्रस्ताव भी आ सकता हैं,  दाम्पत्य सुख मे कुछ कमी हो सकती हैं | कामकाज बढ़ने लगेंगे,  नए वस्त्राभूषणों,  नई संपत्ति,  वाहन इत्यादि खरीदने के योग बनेंगे,  साज-सज्जा पर व्यय होगा तथा पुरानी संपत्ति बिकेगी, यात्राए व भागदौड़ बढेगी | प्रतियोगिताओं में बेहतर परिणाम प्राप्त करेंगे एवं रहस्यमयी विद्याओं की ओर आकर्षित होंगे।
अगर आपकी जन्म कुंडली में शनि अशुभ है तो इस पारगमन के कारण आपके अपने जीवन साथी के संबंध बिगड़ सकते हैं। अपने जीवन साथी के प्रति संवेदनशील रहें। यदि आप हिस्सेदारी में कारोबार कर रहे हैं, तो दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। इस समय आपके लिए सलाह है कि आपको धैर्य रखना चाहिए। व्यक्तिगत संबंधों के मामलों में थोड़ी सावधानी बरतें | इस समय राजनीति, पी आर, समाज सेवा एवं मास मीडिया से जुड़े जातकों को थोड़ा सा संभलकर चलने की जरूरत रहेगी।
उपाय
शनि श्लोक “‘नीलांजन समाभासं रवि पुत्रं यमाग्रजं। छाया मार्तण्ड सम्भूतं तम् नमामि शनैश्चरम् || का जाप रोजाना शाम के समय करे तथा किसी को भी शराब व सेन्ट (परफ्यूम ) उपहार मे ना दे |

3)मिथुन राशि
शनि का गोचर शनि के मित्र बुध की राशि  और  षष्ट भाव में होगा जो कुछ हद तक शुभ होगा| हाँ से इसकी तृतीय दृष्टि अपनी ही राशि मकर पर (अष्टम भाव में ),  सप्तम दृष्टि शुक्र की राशि वृषभ पर ( द्वादश भाव में ) और दशम दृष्टि सूर्य की राशि सिंह पर (तृतीय भाव में ) होगी। राशिफल के अनुसार शारीरिक सुख तथा स्वास्थ्य में वृद्धि करेगा। ख्याति और पराक्रम बढ़ेगा । कर्ज़ और शत्रुओं का नाश होगा। परन्तु आपके कार्यों से पीठ पीछे आपकी निंदा भी होती रहेगी। कुछ स्वतन्त्र कार्य करने में समर्थ होंगे। जमीन-जायदाद एवं विवाद संबंधी मामलों में परेशानी बढ़ सकती है। व्यय की वृद्धि होगी एवं शत्रुओं के प्रबल होने की संभावना है। संयम एवं धैर्य की प्रवृत्ति की आवश्यकता है। नित्य होने वाले कार्यों में भी परेशानी का अनुभव करेंगे।  उधार लेने व देने की संभावनाएं बनेगी, सहोदरो को कष्ट मिलेंगे, अचानक चोट लगने की, धन प्राप्ति की तथा किसी गुप्त विद्या जानने की इच्छा बढेगी, धार्मिक कार्य, लंबी यात्राए व योजनाए बन सकती हैं जिनसे लाभ होगा|

उपाय-कनकधारा श्रोत का पाठ रोजाना करे तथा हर शनिवार एक मुट्ठी साबुत बादाम जलप्रवाह करे |


4)कर्क राशि
जन्म कालीन चन्द्र से पंचम भाव में गोचर जीवन साथी के लिए अच्छा होगा। विवाहितों को ससुराल पक्ष से सहयोग प्राप्त होगा। परन्तु जो लोग अपने विवाह की तैयारी कर रहे हैं अब उन्हें इंतज़ार करना पड़ेगा। स्वयं यदि किसी प्रतियोगिता में बैठ रहे हैं तो सफलता के लिए कठिन प्रयास करना पड़ेगा। किसी बड़े पद की प्राप्ति, कोई बड़ी ज़िम्मेदारी अथवा सम्मान मिल सकता हैं,  भाग्य से अब काम बनने लगेंगे, परिवार मे किसी की विवाह होने की संभावना बनेगी, धन प्रवाह मे थोड़ा विलंब रहेगा आर्थिक विषमताओं का भी सामना करना पड सकता है | कार्यस्थल पर सौहार्द्र बनाने में सफल होंगे। व्यापारिक यात्रा सफल होगी। प्रतियोगिताओं की तैयारियों में रुकावट हो सकती है। अधिक मेहनत की आवश्यकता है |
आपकी राशि से पांचवें स्थान में शनि पारगमन करेगा, लेकिन राहत की बात है कि गुरू पारगमन अभी आपके अनुकूल है, जो आपको किसी बड़ी दिक्कत से बचाएगा। इसके अलावा छात्र वर्ग को शनि पारगमन प्रभावित करेगा, जिसके कारण अधिक मेहनत के बावजूद कम नंबर मिलने की संभावना है। जो दंपति बच्चे की आशा रखते हैं, उनको मेडिकल ट्रीटमेंट के साथ आगे बढ़ना चाहिए। जो शेयर बाजार में निवेश करते हैं, उनको इस समय ज्योतिषीय सलाह के अनुरूप निवेश करना चाहिए। व्यापार में लाभ तो होगा परन्तु यदि उधार दिए तो उसे डूबा हुआ ही मानें।

उपाय-शाकाहारी रहे तथा एक मुट्ठी साबुत बादाम मंदिर मे हर शनिवार रखकर आए |

5)सिंह राशि
सिंह राशि वाले जातको के लिए शनि मारकेश होकर चतुर्थ भाव में गोचर से ढैय्या का आरम्भ हो रहा है । यह स्थान सुख, हृदय, माता, मातृभूमि, चल अचल संपत्ति से संबंधित है। इसलिए यह पारगमन आपको मानसिक रूप से बेचैन, करेगा। पारिवारिक सुख में कमी महसूस करेंगे, शत्रु सर उठा सकते हैं, इसके अलावा आपको उन चीजों का अहसास करवाएगा, जो आपके पास उपलब्ध नहीं हैं। कार्यक्षेत्र मे ऊठा पटक मचा कर बदलाव अथवा पदोन्नति करवा सकता हैं,  राजनैतिक तथा सामाजिक क्षेत्रों से जुड़ें लोगों के मान प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। मकान व भूमि का सुख बढ़ेगा | शारीरिक कष्ट, दुर्घटना, माता के स्वास्थ्य सम्बंधित समस्या उत्पन्न हो सकती है। परंतु आपकी लोकप्रियता बढ़ती रहेगी, किसी को उधार देना पड सकता हैं निवेश में सावधानी रखें अथवा नहीं करें। व्यापार में अपने अत्यंत करीबी लोगों को भी अपनी निजी बातें ना बताएँ, धोखा हो सकता है। मामूली चिंताओं में वृद्धि होगी। शत्रु कार्यों में बाधाएं उत्पन्न कर सकते हैं परंतु कुछ बिगाड़ नहीं पाएंगे |सहायकों की वजह से स्थितियों पर नियंत्रण रखने में सफल होंगे। कार्यस्थल पर तनाव पैदा हो सकता है। मेहनत करने से अपने कार्य में अग्रणी रहेंगे एवं प्रोजेक्ट भी श्रेष्ठ होने के साथ सफलताएं मिलेंगी। आंखों एवं सिर में दर्द हो सकता है। नींद पूरी लें।
उपाय-हनुमान चालीसा का पाठ नित्य करे तथा स्फटिक शिवलिंग पर प्रत्येक सोमवार दूध का अभिषेक करे |
अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें विशेष कर यदि आप दिल के मरीज़ हैं तो

6)कन्या राशि
जन्म कालीन चन्द्र से तृतीयभाव, जो भाई, मित्र तथा साहस का स्थान है से शनि का यह गोचर आपको बहुत शुभता प्रदान करेगा लेकिन कुछ समय के लिए भाई बहन के साथ आपके संबंध बिगड़ सकते हैं। यदि आप नया साहस करना चाहते हैं तो पूरी योजना बनाने के बाद आगे बढ़ें। कानूनी मामलों में बहुत सतर्कता बरतने की जरूरत है। प्यार या धन के मामले में कोई करीबी मित्र धोखा दे सकता है, अतः इस समय किसी पर भी आंख मूंदकर विश्वास न करें। आपकी पद प्रतिष्ठा बढ़ेगी, संतान प्राप्ति हो सकती हैं, धार्मिक व विदेश यात्राए होंगी, खर्चे बढ़ेगे, विवादो मे आपकी विजय होगी व शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति होने से तनावमय जीवन से छुटकारा मिल जाएगा | आशाजनक समाचारों की प्राप्ति तथा धन की वृद्धि होगी, कार्यों में आ रही अड़चनों का नाश होगा एवं अधूरे पड़े कार्यों को पूर्ण करने में सफल होंगे। अटके धन की प्राप्ति संभव है। प्रबुद्धजनों के मध्य रहने का मौका मिलेगा। आपकी अपनी इच्छा शक्ति अत्यंत दृढ़ रहेगी, समय आने पर आप कठोर निर्णय लेने में समर्थ होंगे। वैसे शनि के इस गोचर का एक प्रभाव अवश्य रहेगा, आप अपने लोगों की चाहे कितनी भी भलाई कर लें, आपको बुराई ही मिलनी है, लोग पीठ पीछे आपकी बुराई करेंगे तथा आपको नुकसान पहुँचाने की कोशिश करेंगे।  संतान तथा शिक्षा के मामले में सफलता तथा व्यय की अधिकता रहेगी।

उपाय- रोजाना ॐ नमः शिवाय का 108 बार जाप करे तथा 3 कुत्तो को रोजाना कुछ खिलाये |

7)तुला राशि
द्वितीयभाव में शनि का गोचर सुखद, धन लाभ, आर्थिक मजबूती प्रदान करने वाला होगा। भूमि वाहन व मकान खरीदने की समभावनाए बनाएगा, आपकी माता या आपको कोई सम्मान प्राप्त होगा, उतरती हुयी साढ़ेसाती खूब यात्राए कराएगी, नियम के विरुद्ध कार्य करने व बिना जाने पहचाने उधार देने दिलवाने से परेशानियाँ होंगी | संबंधित लोग हावी होने का प्रयास कर सकते हैं। पारिवारिक और वैवाहिक जीवन में सुख की वृद्धि। पद और प्रतिष्ठा बढ़ेगी, नौकरी में प्रमोशन का योग बनेगा। संतान की इच्छा रखने वालों की इच्छा शनि अब पूरी करेंगे।रोग समाप्त होगा, शत्रु परास्त होंगे। उपाय-प्रतिदिन धर्मस्थान मे ज़रूर जाये |
उपाय- शनि की कृपा दृष्टि के लिए लोहे तथा तेल का दान करें
 श्री यंत्र की पूजा करें।
चाटुकारों से सावधान रहें।
अपने परिवारिक सदस्यों से बातचीत करते हुए विनम्रता रखें।



8)वृश्चिक राशि
जन्म कालीन चन्द्र शनि का गोचर विलम्बकारी समय, कार्यक्षेत्र मे बदलाव व पिता के लिए कष्ट लाएगा,  जीवन साथी से संबन्धित कोई नया कार्य कर सकते हैं सहोदरो से संबन्धित कोई खबर मिल सकती हैं | पारिवारिक सुख में कमी  के कारण मानसिक संताप रह सकता है क्योंकि शनि जन्म के चंद्रमा को कमजोर करेगा। इस समय आप अनिद्रा की समस्या  के कारण शारीरिक थकावट महसूस करेंगे। वृश्चिक जातकों के लिए शनि की साढ़े साती का दूसरा चरण है।  नौकरी या व्यापार में स्थान परिवर्तन का योग भी बनेगा । व्यापारिक यात्रा लाभप्रद होगी। शनि साढ़ेसाती की दूसरी ढैय्या किसी बुजुर्ग की मृत्यु कारण अन्त्येष्टि कर्म मे सम्मिलित करवा सकती हैं स्वयं हेतु विष इत्यादि से भय हो सकता हैं पेट सम्बन्धी परेशानियाँ पैदा होंगी जिसके कारण स्वास्थ्य ठीक नहीं रहेगा। अत; बाहर के खाने से परहेज करे | कभी - कभी आलस्य भी परेशान करेगा, फिर भी दृढ़ता बनी रहेगी और निरन्तर कर्मशील रहेंगे।
उपाय- नित्य शनि चालीसा,हनुमान चालीसा का पाठ करे तथा हर शनिवार बंदरो को केला खिलाये |
शनि से जुड़ी चीजों का दान करना चाहिए। शनि साढ़े साती यंत्र की पूजा करना काफी आवश्यक है।

9)धनु राशि
व्ययभाव मे शनि का गोचर परेशानियाँ पैदा करने वाला होगा। साथ ही साढ़े साती का पहला चरण शुरू हो रहा है। जिसके प्रभाव से स्थान परिवर्तन, व्यर्थ यात्रायें,आय में कमी, धन आने मे दिक्कते होंगी | व्यापार में परेशानी एवं संकट सकता है। व्यापार या नौकरी में परिस्थिति वश परिवर्तन करना पड़ सकता है। शत्रु परेशान कर सकते हैं, विश्वसनीय लोगों से थोड़ी सावधानी बरतने का समय है। साझेदारी में विवाद हो सकता है। विवाह योग्य लोगों को अभी और प्रतीक्षा करनी होगी। धार्मिक कार्यों में व्यय होने की संभावना है। कार्यस्थल पर विवाद हो सकता है। आपके खिलाफ कोई इलज़ाम अथवा कारवाई की जा सकती हैं जिनसे स्वयं स्वास्थ्य संबंधी परेशानिया शुरू होंने के कारण अस्पताल जाना पड़ सकता हैं,  इसके अलावा वर्तमान में आपकी राशि का स्वामी गुरू आपकी राशि से आठवें स्थान पर पारगमन कर रहा है, जो आपको पूर्ण रूप से मदद नहीं करेगा। इस समय धन खर्च में इजाफा होगा, यहां तक कि आपको धन उधार लेना पड़ सकता है। धन सोच समझकर खर्च करें, विशेष कर भूमि खरीदते समय अत्यंत सावधानी बरतें। यह समय धैर्य से चलने और क्रोध तथा आवेग पर नियंत्रण रखने का होगा। मामा पक्ष मे परेशानियाँ आएंगी परंतु विदेश अथवा दूर की यात्रा से लाभ भी मिलेगा |

उपाय-विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ नित्य करे तथा चींटियों को चावल के आटे का चुरा डाले |
मेहनत से लाभ होगा।

10)मकर राशि
एकादश भाव लाभ स्थान मे लाभेश शनि का गोचर अत्यंत शुभ है। गुरु की दृष्टि भी इस राशि पर रहेगी जिससे सफलता व धन लाभ की संभावनाएं बनेगी | परिश्रम व्यर्थ नहीं जायेगा। आत्मविश्वास मे बढोतरी होगी, जीवन मे बहुत से बदलाव आएंगे, व्यापार विस्तार हेतु नई योजनाए बनेगी जिनसे लाभ होगा, आप धन को कहीं ना कहीं किसी भी रूप मे निवेश करेंगे, मित्रों से सहयोग बना रहेगा। नौकरी में बदलाव का विचार कर रहे हैं तो अभी कुछ समय प्रतीक्षा करें।  संतान के लिए थोड़ा कष्टकारक समय रहेगा | संतान की इच्छा रखते दंपति को सचेत रहने की जरूरत है।घर के मरम्मत कार्यों में व्यय हो सकता है। विरोधियों को परास्त करने में सफल होंगे एवं अग्नि उपकरणों से बचना होगा। संबंधियों में उत्पन्न कलह से दूर रहें तो बेहतर होगा। इस समय छात्र वर्ग आलसी हो सकता है, जिसके कारण पढ़ने में मन नहीं लगेगा।
उपाय- सोमवार को शिवजी की तथा शनिवार को शनिदेव की पुजा करे,किसी सेवार्थ अस्पताल मे गरीबो के लिए मदर टिंचर नामक दवा दान करे |


11)कुम्भ राशि
दशमभाव से गोचर कार्य की अधिकता, नौकरी का छूटना व सम्मान की हानी कराएगा आपको अपने खर्चे निकालने मे दिक्कते प्राप्त होंगी, उधार व किश्ते चुकाना मुश्किल होगा, इन सब कारणो से सेहत प्रभावी हो सकती हैं, पिता या किसी पार्टनर से लाभ होगा, लंबी यात्राओ मे धन खर्च होगा, आपका विदेश अथवा अस्पताल से संबंध जुड़ सकता हैं, पत्नी से संबन्धित सुखो मे कमी तथा भूमि व मकान संबंधी योजनाओ मे परेशानियाँ बनेगी | इस स्थान का संबंध कर्म के अलावा पिता, व्यवसाय, यश एवं मान सम्मान से भी है। इस गृह में शनि पारगमन के कारण पेशेवर व व्यवसायी जातकों को परेशानी होगी, क्योंकि उनके कार्य धीमी गति से आगे बढ़ेंगे। इस समय नया कारोबार शुरू करने के संबंध में फैसला न लें। जो जातक विदेशी कार्यों से जुड़ें हैं उन्हें अद्भुत सफलता मिलेगी। पिता के साथ वैचारिक मतभेद रहने की संभावना है। जो जातक सरकारी काम काज से जुड़े हैं या अच्छे पदों पर विराजमान हैं, उनको इस समय यश प्राप्ति नहीं होगी। इस समय हनुमान चालीसा या हनुमान यंत्र की पूजा करनी चाहिए। मद्यादि सेवन की इच्छा प्रबल हो सकती है। इससे दूर रहने में भलाई होगी। आर्थिक क्षेत्र अस्थिर हो सकता है एवं बचत में भी कमी होगी। कार्य में अत्यधिक परिश्रम करना होगा। पूर्व अनुभव से अपना कार्य बनाने में सफल होंगे। विपरीत लिंग के प्रति प्रबल आकर्षण महसूस करेंगे।

उपाय-प्रतिदिन किसी धर्मस्थान मे अवश्य जाए तथा शनिवार शाम को शनि सहस्त्रनाम का पाठ करे|

12)मीन राशि
नवमभाव में गोचर धर्म, धन व भाग्य वृद्दि करेंगे, भाई बहनो को लाभ देंगे, शत्रुओ को नुकसान मिलेगा अर्थात आपकी विजय होगी, दुस्साहसी प्रवृति बढ़ेगी, कानूनी मामलो मे मदद व लाभ मिलेंगी, व्यापार में सफलता मिलेगी, आय के स्रोत बढ़ेंगे। धन और व्यापार के मामले में अच्छा समय है,  पिता के स्वास्थ्य मे सुधार होगा, परन्तु पिता से बहुत विवाद हो सकता है। अपने क्रोध और ज़िद को नियंत्रण में रखें। धर्म गुरुओ से मिलना अथवा विदेश मे तबादला हो सकता हैं| यह समय व्यावसायिक रूप से महत्वपूर्ण होगा। नए कारोबार की शुरुआत एवं उद्यम की वृद्धि होगी। नौकरी में नई जिम्मेदारियों के साथ पद-वृद्धि के भी संकेत हैं। उच्च अध्ययन के लिए किए गए प्रयास सफलता दिलाने वाले होंगे तथा प्रतियोगिताओं में सफलता प्राप्त होगी। विपरीत लिंग के व्यक्तियों से रिश्ते बनाने में सावधानी बरते अन्यथा बदनामी मिल सकती या धोखा खा सकते हैं। अपने गुरु और मित्रों से द्वेष तथा बैर उत्पन्न हो सकता है, अतः सावधानी बरतें।

उपाय- रोज शनि चालीसा का नियमित पाठ करे तथा नित्य माथे पर हल्दी का तिलक लगाए |
गाय को चारा जरूर खिलाएं।

विशेष : सिर्फ गोचर परिवर्तन के आधार पर पड़ने वाले प्रभाव को जो मैं यहाँ दे रहा हूँ वह सामान्य है, आपके जीवन में शनि सम्बंधित वास्तविक परिणाम आपकी कुंडली में शनि की वास्तविक स्थिति, ढैय्या, साढ़ेसाती, महादशा - अंतर दशा, मार्गी - वक्री, ग्रहों से युति या दृष्टि सम्बन्ध इत्यादि बहुत सी बातों पर निर्भर करता है, अतः आपसे अनुरोध है कि इसे अंतिम परिणाम ना मानें और विशेष परिस्थितियों में ज्योतिषीय परामर्श लें।
अंजु आनंद

2 comments:

  1. आदरणीय विद्वान जनो से एक प्रश्न है की मेरी कुंडली में शनि वृश्चिक राशि में ग्याहरवे भाव में स्थित है और लग्न में मकर राशि होने के कारन लग्न का स्वामी भी शनि है परन्तु ऐसा मन जाता है की लग्नेश अगर धन भाव में हो तो शुभ होता है परन्तु मुझे इसके विपरीत परिणाम mil रहे है ऐसा क्यों स्पस्ट करे और अगर कोई दोष है तो उपाय बताने की कृपा करे

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