नारद पुराण के अनुसार जिस तिथि के पूर्वार्ध का करण ज्ञात करना हो, उससे पूर्व की गत तिथियों को शुक्ल पक्ष की
प्रतिपदा से गिनें।
तदुपरांत प्राप्त संखया में 2 से गुणा करके 7
का भाग दें, जो शेषफल प्राप्त होगा, वह उस तिथि के पूर्वार्ध में बवादि क्रम से गिनने
पर अभीष्ट करण होगा।
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