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होलिका दहन मुहूर्त (रविवार 12 मार्च, 2017) और उपाय


होलिका दहन रंगोत्सव की पूर्व सन्ध्या पर पूर्णिमा तिथि में प्रदोष काल में किया जाता है। शास्त्रीय नियमों के अनुसार होलिका दहन के समय भद्रा नहीं होनी चाहिए। सूर्यास्त के बाद अंधेरा होना चाहिए। इसके साथ ही पूर्णिमा का दिन होना चाहिए। भद्रा रहित, प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा तिथि, होलिका दहन के लिये उत्तम मानी जाती है। यदि ऐसा योग नहीं बैठ रहा हो तो भद्रा समाप्त होने पर होलिका दहन किया जा सकता है। और अगले दिन चैत्र कृष्ण प्रतिपदा में रंग अर्थात दुलेन्दि का पर्व मनाया जाता है।


यदि भद्रा मध्य रात्रि तक हो तो ऐसी परिस्थिति में भद्रा पूंछ के दौरान होलिका दहन करने का विधान है। लेकिन भद्रा मुख में किसी भी सूरत में होलिका दहन नहीं किया जाता। धर्मसिंधु में भी इस मान्यता का समर्थन किया गया है। शास्त्रों के अनुसार भद्रा मुख में होली दहन से न केवल दहन करने वाले का अहित होता है बल्कि यह पूरे गांव, शहर और देशवासियों के लिये भी अनिष्टकारी होता है। विशेष परिस्थितियों में यदि प्रदोष और भद्रा पूंछ दोनों में ही होलिका दहन संभव न हो तो प्रदोष के पश्चात होलिका दहन करना चाहिये।

यदि भद्रा पूँछ प्रदोष से पहले और मध्य रात्रि के पश्चात व्याप्त हो तो उसे होलिका दहन के लिये नहीं लिया जा सकता क्योंकि होलिका दहन का मुहूर्त सूर्यास्त और मध्य रात्रि के बीच ही निर्धारित किया जाता है। होलिका दहन में आहुतियाँ देना बहुत ही जरुरी माना गया है इसलिए होलिका दहन में आहुतियाँ जरुर दें| होलिका में कच्चे आम, नारियल, भुट्टे या सप्तधान्य, चीनी के बने खिलौने, नई फसल का कुछ भाग गेंहूं, उडद, मूंग, चना, जौ, चावल और मसूर. आदि की आहुति दी जाती है|

अहकूटा भयत्रस्तै: कृता त्वं होलि बालिशै:
अतस्वां पूजयिष्यामि भूति-भूति प्रदायिनीम:

 होलिका दहन में आहुतियां अवश्य दें ऐसा माना जाता है कि पूजा में जलती होली में दिया गया ये भाग सीधे भगवान तक जाता है

वर्ष 2017 में होलिका दहन 12 मार्च, रविवार को प्रदोषकाल में किया जाएगा। पूर्णिमा का मान 12 मार्च को शाम 7:26 मिनट तक ही है। उसके बाद प्रतिपदा लग जाएगी।

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त

होलिका दहन तिथि -
12 मार्च 2017
होलिका दहन मुहूर्त -
18:23 से 20:23
भद्रा पूंछ -
04:11 से 05:23
भद्रा मुख -
05:23 से 07:23
पूर्णिमा तिथि आरंभ -
20:23 बजे (11 मार्च 2017)
पूर्णिमा तिथि समाप्त -
20:23 बजे (12 मार्च 2017)  
रंग वाली होली -
13 मार्च 2017

होलिका दहन में आहुति देने के पश्चात् सुबह प्रभु को रंग लगा कर होली खेलने का शुभारम्भ करिये होली खेलना वर्ष पर्यन्त आपको खुश रखता है

अपनी राशि अनुसार होली के लिए कपड़ों और गुलाल / अबीर के रंग का चयन करें

(1) मेष राशि के जातक कॉटन के लाल कपड़े पहन कर लाल गुलाल में गुलाब की खुशबु मिला कर होली खेलें तो शुभ रहेगा | मेष राशि वाले जातक मसूर की दाल की बना कोई भी पकवान अपने मेहमानों को खिलाएं | होली खेलने के बाद नये कपड़े पहन कर सीधे घर के मन्दिर में जायें और भगवान का आशीर्वाद लें |

(2) वृष राशि के जातक सिल्क के सफेद या स्काईब्लू रंग के कपडे पहन कर नीले रंग मे चमेली की खुशबु मिला कर होली खेलें| वृष राशि वाले जातक कोई भी सुगन्धित मिठाई मेहमानों को परोसें | होली खेलने के बाद नये कपड़े पहनने के तुरन्त बाद सीढ़ियां चढ़ें या गणेश जी के दर्शन करें |

(3) मिथुन राशि के जातक सिन्थैटिक हरे रंग के कपडे पहन कर हरे गुलाल मे चम्पा की खुशबु मिला कर होली खेलें | होली के पकवान बनाने के लिए मूंग की दाल उपयोग में लाएं | होली खेलने के बाद खजूर खायें या मोज़े जरुर पहनें |

(4) कर्क राशि के जातक सफेद कॉटन या गुलाबी रंग के कपडे पहन कर गुलाबी रंग में लवैन्डर की खुशबु मिला कर होली खेलें| कर्क राशि वाले जातक दूध से बनी मिठाई या कोई भी पकवान मेहमानों को परोसें | होली खेलने के बाद केसर की पत्ती मुंह में डालें |

(5) सिंह राशि के जातक लिनिन ऑरेन्ज या सफेद कपडे पहन कर आंरेन्ज अबीर / गुलाल में कस्तूरी की खुशबु मिला कर होली खेलें | सिंह राशि वाले जातक गरम -गरम दूध परोसें | होली खेलने के बाद लाल सिन्दूर का टीका मस्तक पर लगायें |

(6) कन्या राशि के जातक हरे रंग के कॉटन के कपडे पहन कर हरे रंग के गुलाल में नाग चम्पा की खुशबु मिला कर होली खेलें| कन्या राशि वाले जातक आज के दिन अपने मेहमानों को पिस्ते से बनी बर्फी परोसें | होली खेलने के बाद कपूर को हाथ में मसल कर सूंघना चाहिये |

(7) तुला राशि के जातक स्काईब्लू / सफेद सिल्क रंग के कपड़े पहने और नीले रंग के गुलाल में बेला की खुशबु मिला कर होली खेलें | तुला राशि के जातक दही या मलाई से बने हुए पकवान अपने मेहमानों को परोसें| होली खेलने के बाद शहतूत खाना चाहिये |

(8) वृश्चिक राशि के जातक मैरून या ब्राउन कॉटन के कपडे पहने और मैरून रंग के गुलाल में रोज मैरी की खुशबु मिला कर होली खेलें| आज आप अपने मेहमानों को कुछ तीखा खिलाएं जिसमे लाल मिर्च का प्रयोग अवश्य हुआ हो| होली खेलने के बाद सर पर टोपी लगाना या पगड़ी बांधना विशेष शुभ होता है |

(9) धनु राशि के जातक सिल्क क्रीम रंग के कपडे पहन कर पीले रंग के गुलाल में केसर /केसर की खुशबु मिला कर होली खेलें | मेहमानों के लिए बनने वाले पकवानों में आज धनु राशि के जातक केसर जरूर मिलाएं केसर बर्फी या गुझिया खिलाएं | होली खेलने के बाद नये कपड़े पहनने के बाद बांई आंख से चांदी को स्पर्श करना शुभ होगा |

(10) मकर राशि के जातक सिन्थैटिक ब्लू या ब्राउन रंग के कपडे पहन कर नीले रंग के गुलाल में मुश्कम्बर की खुशबु मिला कर होली खेलें| मकर राशि के जातक आज चॉकलेट बर्फी से मेहमानों का मुँह मीठा करवाये| होली खेलने के बाद नये कपड़े में एक पेन लगाकर घर से निकले | नये कपड़े में एक पेन लगाकर घर से निकले |

(11) कुम्भ राशि के जातक नीले या काले रंग के कपडे पहन पर्पल रंग के गुलाल में चन्दन मिला कर होली खेलें| कुम्भ राशि के जातक आप होली के शुभावसर पर अपने मेहमानों को कला नमक डाल कर दही बड़े खिलाएं| होली खेलने के बाद नये कपड़े पहनने से पहले चेहरे को दही से धोना चाहिये और कपड़ो पर सुगन्ध जरुर लगानी चाहिये |

(12)  मीन राशि के जातक सिल्क के गोल्डन येलो रंग के कपडे पहने और पीले रंग के गुलाल में लैमन ग्रास मिला कर होली खेलें | धनु राशि के जातक आज होली के अवसर पर बेसन की बर्फी/ लड़डू से अपने मेहमानों का मुँह मीठा करवाएं| होली खेलने के बाद नये कपड़े पहनने के बाद थोड़ा गुड़ खाना शुभ रहेगा |


होलिका दहन की रात्रि को करें ये उपाय 

होलिका दहन की रात्रि को सिद्ध रात्रि माना जाता है जो किसी भी साधना जप तप ध्यान आदि के लिए बहुत श्रेष्ठ समय होता है। होलिका दहन वाले दिन किए गए दान-धर्म पूजन आदि का बड़ा विशेष महत्व होता है।
होली की रात इष्ट देवी-देवताओं की विधिवत पूजा करनी चाहिए। धन प्राप्ति के लिए विशेष रूप से कमल के गट्टे की माला से महालक्ष्मी जी के मंत्र "ऊँ श्रीं महालक्ष्म्यै नम:" अथवा "ॐ नमोहः धनदायः स्वाहा:" का जप होली की रात्रि में करना चाहिए ।जप करें। इसके पश्चात हर शुक्रवार को नियमित रूप से यह मन्त्र जप करने से आने वाला समय सुख एवं समृद्धि से युक्त होगा।

रोग मुक्ति के लिए: 
अगर परिवार में कोई लंबे समय से बीमार हो तो उसके लिए यह उपाय चमत्कारी सिद्ध होगा। होली की रात में सफेद कपड़े में 11 गोमती चक्र, नागकेसर के 21 जोड़े तथा 11 धनकारक कौड़ियां बांधकर कपड़े पर हरसिंगार तथा चन्दन का इत्र लगाकर रोगी पर से सात बार उतारकर किसी शिव मन्दिर में अर्पित करें। व्यक्ति स्वस्थ होने लगेगा। यदि बीमारी गंभीर हो, तो यह शुक्ल पक्ष के प्रथम सोमवार से आरंभ कर लगातार 7 सोमवार तक किया जा सकता है।

आर्थिक संकट से मुक्ति पाने के लिए:
जिस स्थान पर होलिका जलने वाली हो, उस स्थान पर गड्ढा खोदकर अपने मध्यमा अंगुली के लिए बनने वाले छल्ले की मात्रा के अनुसार चांदी, पीतल व लोहा दबा दें। फिर मिट्टी से ढककर लाल गुलाल से स्वस्तिक का चिह्न बनाएं। जब आप होलिका पूजन को जाएं, तो पान के एक पत्ते पर कपूर, थोड़ी-सी हवन सामग्री, शुद्ध घी में डुबोया लौंग का जोड़ा तथा बताशे रखें। दूसरे पान के पत्ते से उस पत्ते को ढक दें और सात बार परिक्रमा करते हुए 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जप करें। परिक्रमा समाप्त होने पर सारी सामग्री होलिका में अर्पित कर दें तथा पूजन के बाद प्रणाम करके घर वापस आ जाएं। अगले दिन पान के पत्ते वाली सारी नई सामग्री ले जाकर पुनः यही क्रिया करें। जो धातुएं आपने दबाई हैं, उनको निकाल लाएं। फिर किसी सुनार से तीनों धातुओं को मिलाकर अपनी मध्यमा अंगुली के माप का छल्ला बनवा लें। 15 दिन बाद आने वाले शुक्ल पक्ष के गुरुवार को छल्ला धारण कर लें। जब तक आपके पास यह छल्ला रहेगा, तब तक आप कभी भी आर्थिक संकट में नहीं आएंगे। यह उपाय चल रही घोर आर्थिक तंगी में बेहद कारगर हैं।

आर्थिक समस्या से मुक्ति पाने के लिए होली पर होली की रात में चंद्रोदय होने के बाद अपने घर की छत पर या खुली जगह जहां से चांद नजर आए पर खड़े हो जाएं। फिर चंद्रमा का स्मरण करते हुए चांदी की प्लेट में सूखे छुहारे तथा कुछ मखाने रखकर शुद्ध घी के दीपक के साथ धूप एवं अगरबत्ती अर्पित करें। अब दूध से अर्घ्य प्रदान करें। अर्घ्य के बाद कोई सफेद प्रसाद तथा केसर मिश्रित साबूदाने की खीर अर्पित करें। चंद्रमा से आर्थिक संकट दूर कर समृद्धि प्रदान करने का निवेदन करें। बाद में प्रसाद और मखानों को बच्चों में बांट दें।
फिर लगातार आने वाली प्रत्येक पूर्णिमा की रात चंद्रमा को दूध का अर्घ्य अवश्य दें। कुछ ही दिनों में आप महसूस करेंगे कि आर्थिक संकट दूर होकर समृद्धि निरंतर बढ़ रही है।  

होली की बची हुई अग्नि और भस्म को अगले दिन प्रात: घर में लाने से घर को अशुभ ‍शक्तियों से बचाने में सहयोग मिलता है तथा इस भस्म का शरीर पर लेपन भी किया जाता है।

भस्म का लेपन करते समय निम्न मंत्र का जाप करना कल्याणकारी रहता है-

वंदितासि सुरेन्द्रेण ब्रह्मणा शंकरेण च।
अतस्त्वं पाहि मां देवी! भूति भूतिप्रदा भव।।

विशेष : सेंक कर लाए गए धान को खाने से निरोगी रहते हैं।

बुरी नजर से बचाव:
एक मुट्ठी काले तिल, छः काली मिर्च, छः लौंग, एक टुकड़ा कपूर बच्चे या बड़े के ऊपर से उतार कर होली में डाल दें,  पुरानी बुरी नजर उतर जायेगी और आगे भी बचाव होगा |

होली का दिन तांत्रिक क्रियाओं के लिए बहुत ही लाभकारी होता है। इस दिन अभिमंत्रित और आमंत्रित कर जड़ी-बूटी घर लाई जाती है। कई प्रकार के मंत्रों की सिद्धियां भी की जाती हैं।

विशेष रूप से काली हल्दी के टोटके
 
काली हल्दी:

काली हल्दी दिखने में अंदर से हल्के काले रंग की होती है व उसका पौधा केली के समान होता है। काली हल्दी में बहुत ही गुणकारी प्रभाव होता है। इसमें वशीकरण की अद्‍भुत क्षमता होती है।
काली हल्दी के पौधे को कंकू, पीले चावल से आमंत्रित कर होली वाले दिन लाया जाता है।
एक थाली में कंकू, चावल, अगरबती, एक कलश में शुद्ध जल रख, पवित्र कोरे वस्त्र पहन कर जाएं। फिर पौधे को शुद्ध जल से धोकर कंकू चढ़ाएं व पीले चावल चढ़ाकर 5 अगरबत्ती लगाकर कहें- मैं आपके पास अपनी मनोकामना पूर्ति हेतु आया हूं कल आपको मेरे साथ मेरी मनोकामना की पूर्ति हेतु चलना है।
फिर होली की रात को जाकर एक लोटा जल चढ़ाकर कहें कि मैं आपके पास आया हूं, आप मेरी मनोकामना की पूर्ति हेतु मेरे साथ चलिए ऐसा कह कर काली हल्दी खोदकर ले आएं।

* परिवार में कोई व्यक्ति हमेशा अस्वस्थ रहता है तो प्रथम गुरुवार को आटे के 2 पेड़े बनाएं। उसमें गीली चने की दाल के साथ गुड़ और थोड़ी-सी पिसी काली हल्दी को दबाएं। रोगी के ऊपर से 7 बार उतारकर गाय को खिला दें। यह उपाय लगातार 3 गुरुवार करने से आश्चर्यजनक लाभ मिलेगा।

* यदि किसी व्यक्ति या बच्चे को नजर लग जाए तो काले कपड़े में हल्दी को बांधकर 7 बार ऊपर से उतारकर बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें।

* यदि पत्रिका में गुरु और शनि पापाक्रांत हैं, तो यह उपाय करें - शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरुवार से नियमित रूप से काली हल्दी पीसकर तिलक लगाने से यह दोनों ग्रह शुभ फल देने लगते हैं।

* यदि किसी के पास पैसा आता तो बहुत है किंतु रुकता नहीं है, तो उन्हें इन उपायों को अवश्य आजमाना चाहिए। शुक्ल पक्ष के प्रथम शुक्रवार को चांदी की डिब्बी में काली हल्दी, नागकेसर व सिन्दूर को साथ में रखकर मां लक्ष्मी के चरणों से स्पर्श करवाकर रुपया-पैसा रखने के स्थान पर रख दें। इस उपाय से धन रुकने लगेगा।

* यदि आपका व्यवसाय मशीनरी से संबंधित है और आए दिन कोई न कोई मशीन खराब होती है तो आप काली हल्दी को पीसकर केसर व गंगा जल मिलाकर प्रथम बुधवार को उस मशीन पर स्वस्तिक बना दें। इस उपाय से मशीन जल्दी -जल्दी खराब नहीं होगी।

* यदि कोई व्यक्ति मिर्गी या अपस्मार (पागलपन) से पीड़ित हो तो किसी अच्छे मूहूर्त (सर्वार्थसिद्धि योग) में काली हल्दी को कटोरी में रखकर लोबान की धूप दिखाकर शुद्ध करें। तत्पश्चात एक टुकड़े में छेद कर धागे की मदद से उसके गले में पहना दें और नियमित रूप से कटोरी की थोड़ी-सी हल्दी का चूर्ण ताजे पानी से सेवन कराते रहें, अवश्य लाभ मिलेगा।

* काली हल्दी के 108 दाने बनाएं। उन्हें धागे में पिरोकर धूप, गूगल और लोबान से धूनी देने के बाद पहन लें। जो भी व्यक्ति इस माला को पहनता है, वह ग्रहों के दुष्प्रभावों व नजरादि टोने-टोटके से सुरक्षित रहता है।

* गुरु पुष्य नक्षत्र में काली हल्दी को सिन्दूर में रखकर धूप देने के बाद लाल कपड़े में लपेटकर 1-2 सिक्कों के साथ उसे बक्से में रख दें। इसके प्रभाव से धन की वृद्धि होने लगती है।

* काली हल्दी का चूर्ण दूध में डालकर चेहरे और शरीर पर लेप करने से त्वचा में निखार आ जाता है।

काली हल्दी वशीकरण प्रयोग-
काली हल्दी में वशीकरण की अद्भुत क्षमता होती है। यदि आप किसी भी नवीन कार्य के लिए जा रहे हैं या महत्वपूर्ण कार्य हो तो काली हल्दी का टीका लगाकर जाएं। यह टीका वशीकरण का कार्य करता है।

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