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ऐसी मान्यता है कि जो महिलाएं संगीत, नृत्य और रंगमंच से जुड़ी हैं, उनके लिए  लाजवर्त विशेष रूप से लाभप्रद माना जाता है। जो पुरुष या महिलाएं इस रत्न को धारण करती हैं, वे आशावादी नजरिए से परिपूर्ण हो जाती है।

लाजवर्त (लैपिस लजूली) शनि का रत्न है, लाजवर्त को लाजवर्द, राजावर्त और नीलोपल रत्न भी कहा जाता हैं | लाजवर्त को नीलम का पूरक माना जाता है | नीलोपल रत्न गहरे नीले रंग का अपारदर्शी पत्थर होता है। नीलोपल रत्न में कुछ सोने का भी अंश होता है।  नीले रंग का  सुनहरी धारियां लिए यह खूबसूरत दिखता है | लाजवर्त को नीलम का पूरक माना जाता है |इस रत्न को प्रेम और सद्भावना का प्रतीक रत्न माना जाता है। लाजवर्त शनि की पीड़ा से तो बचाव करता ही है साथ ही राहु के विपरीत प्रभाव से भी सुरक्षा प्रदान करता है|

दुनिया की प्राचीन सभ्यताओं के क्षेत्रों में हुई खुदाई और इसके बाद अन्य पुरातात्विक शोधों से यह प्रमाणित हुआ है कि लैपिस लजूली का इतिहास ईसा पूर्व हजारों साल पुराना है। प्राचीन मिस्र के शाही घरानों के सदस्यों के बीच यह रत्न खासा लोकप्रिय रहा था। असीरियन और बेबोलियन सभ्यताओं के लोगल आभूषणों के अलावा लजूली का प्रयोग मुहर लगाने के लिए भी किया करते थे। मिस्र के नकादा नामक स्थान पर एक पुरातात्विक खोज के दौरान लैपिस लजूली रत्न पाए गए थे।
ऐसा माना जाता है कि लैपिस लजूली का प्रयोग मिस्र की चर्चित महारानी क्लियोपैट्रा किया करती थी। इसी तरह अन्य देशों में भी लोग लैपिस लजूली का प्रयोग किया करते थे।

 औषधीय गुण
   दुनिया के विभिन्न प्राचीन सभ्यता वाले देशों जैसे भारत, चीन समेत यूनान, मिस्र, मैसोपोटामिया -के नागरिक इस रत्न की औषधीय खूबियों से वाकिफ रहे है।
ऐसी मान्यता रही है कि  लाजवर्त रत्न को धारण करने से नेत्रों के संक्रमण से बचाव होता है। नेत्र संक्रमण से बचाव के अलावा कुछ किस्म के बुखारों को दूर करने में भी यह रत्न सहायक माना जाता था। लिवर और  पेट संबंधी बीमारियों को दूर करने में भी यह रत्न सहायक माना जाता है। मानसिक शांति को बरकरार रखने में भी यह रत्न सहायक है। कुछ रत्न विशेषज्ञों की राय में इस रत्न केधारण करने से परिवार में खुशहाली आती है। इस संदर्भ में एक बात याद रखनी चाहिए कि जो व्यक्ति मधुमेह या फिर मोटापे से ग्रस्त हैं, उन्हे इस रत्न को धारण नहीं करना चाहिए। लजूली व्यक्ति के शारारिक स्वास्थ्य के साथ-साथ उसकी भावनाओं को भी संतुलित रखने में सहायक है। यह रत्न व्यक्ति के दम-खम और उसकी इच्छाशक्ति को मजबूत करने में भी सहायक है। ऐसी भी मान्यता है कि इस रत्न के धारणकर्ता का विभिन्न प्रकार के खतरों से बचाव होता है। यहीं नहीं, यह रत्न वैवाहिक युगल के बीच आपसी गलतफहमियों को दूर करता है। कुछ विशेषज्ञों की ऐसी मान्यता है कि यह रत्न शनि ग्रह की प्रतिकूल स्थिति के प्रभाव से भी सुरक्षा प्रदान करता है। ऐसी धारणा है कि यह रत्न आपके वैचारिक दृष्टिकोण को विस्तारित करता है।

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Lunar Eclipse 2017