गुरु पूर्णिमा पर करें ये चमत्कारी उपाय:
अंजु आनंद
गुरु सिर्फ ज्ञान ही नहीं देता बल्कि अपनी असीम कृपा से शिष्य को सब पापों से मुक्त भी कर देता है.
जीवन को एक सही दिशा देने में गुरु का स्थान सर्वोपरि है | इस लिए तो कहा गया है कि
||| गुरु ब्रम्हा गुरु विष्णु गुरु देव महेश्वर, गुरु साक्षात् परब्रह्म, तैस्मय: श्री गुरुवे नमः |||
और ये भी बात उतनी ही सत्य है कि
ईश कृपा बिन गुरु नहीं, गुरु बिना नहीं ज्ञान ।
ज्ञान बिना आत्मा नहीं, गावहिं वेद पुरान ॥
ऐसा मन जाता है कि गुरु पूर्णिमा के दिन गुरुतत्व १ सहस्त्र गुना कार्यरत होने से साधक एवं शिष्य अधिकाधिक लाभ मिलता हैं ।
अधिकाधिक लाभ ग्रहण करनेके लिए आवश्यक है शिष्य गुरुमंत्र का अथवा कुलदेवता का अधिकाधिक नामजप करें|
गुरुकृपा पाने के लिए आवश्यक गुण तीव्र मुमुक्षुत्व अर्थात गुरु प्राप्तिके लिए तीव्र उत्कंठा, आज्ञापालन, श्रद्धा एवं लगन बढाने का दृढ संकल्प करना
गुरु को अपना सर्वस्व अर्पण कर देना ही खरी गुरुदक्षिणा है, यह ध्यान में रखना तथा वैसे कृत्य करने के लिए प्रयास करना
जिस जातक की कुंडली में गुरु की स्थिति अशुभ फल दे रही है उसके लिए गुरु पूर्णिमा एक अच्छा समय है, गुरु के अशुभ फल से मिलने वाले कष्टों को दूर करने का।
गुरु के दोष से अध्ययन, मानसिक अवस्था, आर्थिक स्थिति, कारोबार, निर्णय, वैवाहिक जीवन आदि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु को नमन करें और उनसे आशीर्वाद लें। अगर आपने किसी को गुरु नहीं बनाया तो
भगवान विष्णु को गुरु समझें। वे समस्त ब्रह्मांड के गुरु हैं।
इस दिन विष्णुजी का पूजन करें और उनसे जीवन में कृपा करने की प्रार्थना करें।
गुरु पूर्णिमा के दिन अपने इष्ट देव का पूजन करें और प्रसाद चढ़ाएं।
जो व्यक्ति अध्ययन संबंधी बाधा से पीड़ित है उसे गुरु पूर्णिमा के दिन गीता का पाठ कर भगवान कृष्ण का पूजन करना चाहिए और गाय की सेवा करनी चाहिए।
जिस जातक के भाग्योदय में बाधाएं आ रही हैं या कारोबार मंदा चल रहा है, बहुत घाटा हो रहा है उसे किसी जरूरतमंद को पीले अनाज, वस्त्र और पीली मिठाई का दान करना चाहिए।
गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु यंत्र बनवाकर उसे शुभ मुहूर्त में स्थापित करना चाहिए। गुरु यंत्र को प्रणाम करने से जीवन में शुभ प्रभाव की वृद्धि होती है। यंत्र की विधिवत पूजा और किसी विद्वान पंडित के निर्देश के बाद ही उसे स्थापित करना चाहिए।
जिस जातक की कुंडली में गुरु अशुभ स्थिति में हो, उसे किसी सदाचारी, विद्वान ब्राह्मण को पुखराज का दान करना चाहिए।
गुरु पूर्णिमा गुरु के दिन मंत्र - " ऊं बृं बृहस्पतये नमः "- का जाप कर इसे सिद्ध करने का भी खास दिन है।
इस दिन गायत्री मंत्र का जाप करने से भी शुभ फल मिलता है।
गुरु पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के चित्र के समक्ष या ठाकुरजी के मंदिर में गाय के घी का दीपक जलाएं और भगवान से प्रार्थना करें।
शीघ्र ही इसका शुभ प्रभाव प्राप्त होगा।
अंजु आनंद
गुरु सिर्फ ज्ञान ही नहीं देता बल्कि अपनी असीम कृपा से शिष्य को सब पापों से मुक्त भी कर देता है.
जीवन को एक सही दिशा देने में गुरु का स्थान सर्वोपरि है | इस लिए तो कहा गया है कि
||| गुरु ब्रम्हा गुरु विष्णु गुरु देव महेश्वर, गुरु साक्षात् परब्रह्म, तैस्मय: श्री गुरुवे नमः |||
और ये भी बात उतनी ही सत्य है कि
ईश कृपा बिन गुरु नहीं, गुरु बिना नहीं ज्ञान ।
ज्ञान बिना आत्मा नहीं, गावहिं वेद पुरान ॥
ऐसा मन जाता है कि गुरु पूर्णिमा के दिन गुरुतत्व १ सहस्त्र गुना कार्यरत होने से साधक एवं शिष्य अधिकाधिक लाभ मिलता हैं ।
अधिकाधिक लाभ ग्रहण करनेके लिए आवश्यक है शिष्य गुरुमंत्र का अथवा कुलदेवता का अधिकाधिक नामजप करें|
गुरुकृपा पाने के लिए आवश्यक गुण तीव्र मुमुक्षुत्व अर्थात गुरु प्राप्तिके लिए तीव्र उत्कंठा, आज्ञापालन, श्रद्धा एवं लगन बढाने का दृढ संकल्प करना
गुरु को अपना सर्वस्व अर्पण कर देना ही खरी गुरुदक्षिणा है, यह ध्यान में रखना तथा वैसे कृत्य करने के लिए प्रयास करना
जिस जातक की कुंडली में गुरु की स्थिति अशुभ फल दे रही है उसके लिए गुरु पूर्णिमा एक अच्छा समय है, गुरु के अशुभ फल से मिलने वाले कष्टों को दूर करने का।
गुरु के दोष से अध्ययन, मानसिक अवस्था, आर्थिक स्थिति, कारोबार, निर्णय, वैवाहिक जीवन आदि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु को नमन करें और उनसे आशीर्वाद लें। अगर आपने किसी को गुरु नहीं बनाया तो
भगवान विष्णु को गुरु समझें। वे समस्त ब्रह्मांड के गुरु हैं।
इस दिन विष्णुजी का पूजन करें और उनसे जीवन में कृपा करने की प्रार्थना करें।
गुरु पूर्णिमा के दिन अपने इष्ट देव का पूजन करें और प्रसाद चढ़ाएं।
जो व्यक्ति अध्ययन संबंधी बाधा से पीड़ित है उसे गुरु पूर्णिमा के दिन गीता का पाठ कर भगवान कृष्ण का पूजन करना चाहिए और गाय की सेवा करनी चाहिए।
जिस जातक के भाग्योदय में बाधाएं आ रही हैं या कारोबार मंदा चल रहा है, बहुत घाटा हो रहा है उसे किसी जरूरतमंद को पीले अनाज, वस्त्र और पीली मिठाई का दान करना चाहिए।
गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु यंत्र बनवाकर उसे शुभ मुहूर्त में स्थापित करना चाहिए। गुरु यंत्र को प्रणाम करने से जीवन में शुभ प्रभाव की वृद्धि होती है। यंत्र की विधिवत पूजा और किसी विद्वान पंडित के निर्देश के बाद ही उसे स्थापित करना चाहिए।
जिस जातक की कुंडली में गुरु अशुभ स्थिति में हो, उसे किसी सदाचारी, विद्वान ब्राह्मण को पुखराज का दान करना चाहिए।
गुरु पूर्णिमा गुरु के दिन मंत्र - " ऊं बृं बृहस्पतये नमः "- का जाप कर इसे सिद्ध करने का भी खास दिन है।
इस दिन गायत्री मंत्र का जाप करने से भी शुभ फल मिलता है।
गुरु पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के चित्र के समक्ष या ठाकुरजी के मंदिर में गाय के घी का दीपक जलाएं और भगवान से प्रार्थना करें।
शीघ्र ही इसका शुभ प्रभाव प्राप्त होगा।
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