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Karva Chauth Vrat Udyapan Vidhi

#करवा_चौथ_व्रत_की_उद्यापन / #उजमन_विधि (Karva Chauth Vrat Udyapan Vidhi)

कार्तिक कृष्ण चतुर्थी को मनाया जाने वाला करक चतुर्थी या करवाचौथ का व्रत

अधिकांशतः विवाहित स्त्रियाँ करवाचौथ /करक चतुर्थी व्रत का आजीवन पालन करना अपना कर्तव्य मानती हैं। लेकिन शास्त्रानुसार व्रत को 12 वर्ष या 16 वर्ष तक लगातार करने के पश्चात अपनी इच्छानुसार इसका उद्यापन भी किया जा सकता है। बहुत कम स्त्रियाँ करवाचौथ व्रत का उद्यापन करती हैं। लेकिन करवा चौथ के व्रत का #उजवना या उद्यापन करने के बाद भी व्रत किया सकता है। जिसमे व्रत के दौरान पानी पी सकते है तथा फल खा सकते है।

कहीं कहीं करवा चौथ का उद्यापन किसी विशेष विधि से होता है जिसके अनुसार करवा चौथ का उद्यापन या उजमन करने वाली महिला उद्यापन से पहले एक वर्ष तक प्रत्येक माह संकष्टी चतुर्थी का व्रत करती है। उसके पश्चात् आने वाले करवा चौथ पर का उद्यापन करवा चौथ के दिन ही होता है।

उद्यापन विधि

तेरह सुहागिन स्त्रियों को, जो स्वयं करवा चौथ व्रत का पालन करती हों, सुपारी देकर भोजन पर आमंन्त्रित करें।
ये स्त्रियाँ अपने व्रत का पूजन करके आपके यहाँ आकर व्रत का पारणा करेंगी। जिसके लिए आप सुविधानुसार भोजन प्रबंध करें।

उद्यापन के लिए एक थाल में तेरह जगह चार-चार पूरी और थोड़ा-थोड़ा हलवा रखें।  रोली से टीका करके चावल लगाएं। साडी का पल्लू हाथ में लेकर सात बार इस थाली के ऊपर से चारों और घुमाएँ। और यह यह हलवा-पूरी आमन्त्रित की गई स्त्रियों को भोजन से पूर्व दे दें।

एक दूसरी थाली में सासु माँ के लिए भोजन, सुहाग का सामान और शगुन के कुछ रूपये रख कर सासु माँ (अगर सासु माँ न हो तो ब्राह्मण स्त्री)  को दें, उनका आशीर्वाद लें।

अब आमंत्रित सभी स्त्रियों को भोजन कराएँ। भोजन के पश्चात् महिलाओं को रोली से टीकी करें फिर एक प्लेट में सुहाग के सामान रखकर उपहार स्वरूप दें।

देवर या जेठ के लड़के को सांख्या-साखी (साक्षी) बनाकर उसे खाना खिलाएँ। उसे नारियल और रूपये दें।
यदि तेरह स्त्रियों को घर पर आमंत्रित करके भोजन कराना संभव ना हो तो उनके लिए परोसा और सुहाग के सामान आदि उनके घर पर भिजवाया जा सकता है।

इस प्रकार उद्यापन सम्पूर्ण होता है।

भोजन में लहसुन और प्याज का उपयोग ना करें।

लेकिन इस बार वर्ष 2018 में स्त्रियाँ करवा चौथ व्रत का उद्यापन नहीं कर पाएंगी ।
हिंदु मान्यताओं के अनुसार जब भी शुक्र अस्त रहता है, उस दौरान व्रत का उद्यापन नहीं किया जाता। हालांकि पूजा-पाठ, उपवास या फिर अन्य किसी भी धार्मिक कार्यों में कोई बाधा नहीं आती।
इस बार करवा चौथ से ठीक 11 दिन पूर्व (16 अक्टूबर 2018 को शुक्र देव अस्त हो चुकें हैं  ऐसे में जो भी स्त्रियाँ 27 अक्टूबर 2018 को अपने करवा चौथ व्रत के उद्यापन के बारे में सोच रही थीं, उन्हें एक और वर्ष का इंतज़ार करना होगा

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