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Rahu Gochar in Leo 2016

मितिहास के अनुसार राहू असुर का कटा हुआ सर है जो समुन्द्र मंथन से निकलने वाले अमृत को पीने के लिए छल से देवताओं में शामिल हो जाता है उसके इसी छल को सूर्य और चन्द्र ने पहचान कर भगवान विष्णु को बता दिया इसी कारण राहू सूर्य और चन्द्र से द्वेष रखता है और ग्रहण लगाता है |
खगोल विज्ञान के अनुसार राहु और केतु सूर्य एवं चंद्र के परिक्रमा पथों की कटान के दो बिन्दू हैं, जो पृथ्वी के सापेक्ष एक दूसरे के विपरीत दिशा में स्थित रहते हैं। राहू को चन्द्रमा का उत्तरी ध्रुव एवं केतु को दक्षिणी ध्रुव कहा जाता है चूंकि ये ग्रह कोई खगोलीय पिंड नहीं बल्कि संवेदनशील बिन्दू हैं, इसलिए इन्हें छाया ग्रह कहा जाता है। छाया ग्रह होने के कारण ही जब राहु या केतु अन्य ग्रहों के साथ युति या दृष्टि सम्बन्ध बनाते हैं तो उन ग्रहों से आने वाली रश्मियां पृथ्वी पर नहीं आ पाती, और जिस ग्रह की रश्मियां पृथ्वी पर नहीं आ पाती हैं,  उनके अभाव में पृथ्वी पर तरह के उत्पात होने चालू हो जाते है, यह छाया ग्रह चिंता का कारक ग्रह कहा जाता है।

चंडीगढ़ के ज्योतिष आचार्या अंजु आनंद के अनुसार 30 जनवरी, 2016 को मध्य रात्रि राहू अपनी राशि कन्या में विचरण करने के पश्चात सूर्य अधिष्ठित राशि सिंह जहाँ शुभ व सात्विक ग्रह बृहस्पति पहले ही विराजमान हैं, में प्रवेश करने जा रहे हैं जहाँ राहू सिंह राशि में विचरण करेंगे वहीँ केतु कुम्भ राशि में
राहू के राशि परिवर्तन से मुख्यत वृष, कन्या और मकर और केतु से कर्क, वृश्च‌िक और मीन राश‌ि प्रभावित होंगी।
36 साल के बाद राहू बृहस्पति के साथ सिंह राशि में युति कर गुरु चांडाल योग का निर्माण करेगा | गुरु चांडाल योग लगभग आठ महीनों तक विद्यमान रहेगा व इसका प्रभाव प्रत्येक राशि पर भी लगभग आठ महीनों तक ही रहेगा। राहु और बृहस्पति की सिंह राशि के मिलन से बना "गुरु-चांडाल योग" अधिकतर राशियों हेतु हितकारी नहीं रहेगा।
मेष राशि - ज्योतिष आचार्या अंजु आनंद के अनुसार मेष राशि वाले जातकों के लिए राहू का संचार पंचम स्थान से होगा और शिक्षा बुद्धि एवं संतान पक्ष को प्रभावित करेगा | विद्यार्थियों के लिए समय शुभ नहीं है शिक्षा में अरुचि उत्पन्न होगी| गर्भवती महिलाओं के अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए
उपाय : माँ सरस्वती की पूजा करें | व्यर्थ विवाद में न उलझे |
वृषभ राशि- ज्योतिष आचार्या अंजु आनंद के अनुसार वृषभ राशि के लिये राहू चतुर्थ स्थान में आएगा और केतु का दशम में आना अच्छा संकेत है धार्मिक कार्यों में आपकी रुचि बढेगी | लेकिन कार्य स्थल पर सावधानी अवश्य बरतें |
उपाय - माता के स्वास्थ्य का ध्यान रखे, कोर्ट कचहरी के मामलों में सावधानी बरतें
मिथुन : ज्योतिष आचार्या अंजु आनंद के अनुसार मिथुन राशि के जातकों के लिए राहू का संचार तृतीय भाव से होगा जो शुभ फलदायी होगा पराक्रम में वृद्धि होगी लेकिन भाई बहनों से मनमुटाव कि स्तिथि बन सकती है | केतु का नवम भाव में आना शुभ माना जाता है कुल मिलकर ये गोचर आपके लिए उन्नति के अवसर लेकर आ रहा है | शेयर मार्किट या सट्टे के काम से लाभ मिल सकता है
उपाय - जल्दबाजी ना करें सोच समझ कर फैसलें लें | अनैतिक कार्यों से दूर रहें
कर्क: ज्योतिष आचार्या अंजु आनंद के अनुसार कर्क राशि के जातकों के लिए द्वितीय स्थान से राहू का गोचर चोरी या बहुमूल्य वस्तु के खोने की सम्भावना दिखता है अतः सतर्क रहें वहीं दूसरी और केतु  का अष्टम भाव में होना स्वास्थ्य सम्बंधित समस्याएं उत्पन्न कर सकता है दूसरे घर में बनने वाला गुरुचण्डाल दोष आपकी वाणी को भी दूषित करेगा  घटना दुर्घटना से बचें, हिंसक जंतुओं से सावधान रहें | वाणी पर नियंत्रण रखें और पेट या पेट से निचले हिस्से से सम्बंधित किसी भी तरह की बीमारी से सावधान रहें|
उपाय - वाणी पर नियंत्रण रखे | खर्च पर नियंत्रण रखे | सेहत का खास ध्यान रखें |
सिंह : ज्योतिष आचार्या अंजु आनंद के अनुसार सिंह राशि के जातकों के लिए राहू का संचरण प्रथम भाव में होगा केतु का सप्तम में आना जीवनसाथी या व्यावसायिक सहभागियों से वैचारिक मतभेद करवा सकता है, मानसिक परेशानी बढ़ा सकता है पारिवारिक तनाव हो सकता है
उपाय - क्रोध और वाणी पर नियंत्रण रखें और जीवन साथी के साथ संबंधों को मधुर बनाये रखने का प्रयास करें |
कन्या : ज्योतिष आचार्या अंजु आनंद के अनुसार व्यय भाव में राहू का गोचर खर्चे बढ़ाएगा | आय व्यय में असमानता होने से परेशानी उठानी पड़ेगी | अनावश्यक यात्रायें करनी पड़ सकती हैं जो जातक विदेश कार्यों से संबंधित जातकों को लाभ होने के संकेत हैं साथ ही कन्या राशि के जातकों के लिए केतु का छठे भाव में आना आपको पुराने कर्जों से मुक्ति दिलाएगा कोर्ट कचहरी के मामलों में विजय मिलने के संकेत हैं | लेकिन पिता के लिए सुख में कमी हो सकती है
उपाय - धन के लेन देन में सावधानी रखें | स्वास्थ्य का ध्यान रखें
तुला: ज्योतिष आचार्या अंजु आनंद के अनुसार राहू का एकादश भाव में संचरण आपके लिए शुभ है गुरु की उपस्थिति अगस्त तक थोड़ा शुभता को कम कर कती हैं लेकिन धन का आगमन अवश्य होगा केतु का पंचम में आना धर्म कर्म में रूचि बनाएगा समाज सेवा की ओर रुझान बढेगा | जीवन में आने वाली कठिनाइयों में भी आपका उत्साह बढ़ा रहेगा आकस्मिक लाभ तो मिलेंगे ही परन्तु बड़े भाई बहनों से मनमुटाव हो सकता है |
उपाय - अनैतिक मार्ग से धन ना कमाए | स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें|
वृश्चिक : ज्योतिष आचार्या अंजु आनंद के अनुसार वृश्चिक राशि के जातकों के लिए राहू का बृहस्पति के साथ दशम स्थान पर गुरुचण्डाल दोष का निर्माण कर्म स्थान पर परेशानियां खड़ी कर सकता है माता पिता दोनों के स्वास्थ्य के लिए सचेत रहें  केतु का चतुर्थ भाव में आना भी आपके लिए कई प्रकार से हानिकारक है, अतः सचेत रह कर आप अपना समय व्यतीत करें | जमीन-जायदाद के मामले में कोई बड़ा सौदा नहीं करना चाहिए। वृश्चिक राशि के जातकों पर साढ़े सती का प्रभाव पहले से ही है इसलिए राहु का गोचर बहुत अधिक फलदायी नहीं होगा, अतः आपको बहुत सावधानी और धैर्य के साथ चलने की आवश्यकता है | परिवार से दूर जा सकते है।
उपाय - वाद विवाद से बचें | जमीन जायदाद से जुड़े बड़े फैसले अगस्त तक टालें
धनु: ज्योतिष आचार्या अंजु आनंद के अनुसार आपकी राशि से त्रिकोण स्थान पर होने वाला राहू का संचार पिता की सेहत के लिए अशुभ संकेत देता है लेकिन धार्मिक यात्रायें होने का योग बनता है| साढ़ेसाती का पहला चरण आर्थिक परेशानी और मानसिक तनाव देगा परन्तु  केतु का राशि परिवर्तन आपके पराक्रम को बढाएगा | भाग्य पक्ष के कमज़ोर होने के कारण आपको कर्म पर अधिक विश्वास रखना होगा | सट्टा, जुआ, लाटरी या शेयर बाज़ार से दूरी बनाये रखनी होगी | धर्म के पथ पर चलने का प्रयास करें एवं अनैतिक कार्यों से दूर रहें | उपाय - गलत निर्णय आपको परेशान कर सकते है। शेयर बाजार से दूर रहें |
मकर : ज्योतिष आचार्या अंजु आनंद के अनुसार मकर राशि के जातकों के लिए राहू का अष्टम भाव में आना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है | साथ ही केतु का दूसरे भाव में आना वित्तीय स्तिथि के लिए एक चेतावनी है  कार्य व्यापार में किसी भी तरह का जोखिम लेकर न चले | वाद विवाद से दूर रहे और वाणी पर नियंत्रण रखें | गुरु चांडाल दोष यहाँ आपकी और आपके परिवार की प्रतिष्ठा पर दाग लगा सकता है | पूरे साल आपको स्वास्थ्य और दुर्घटना के प्रति सजग रहना होगा।
उपाय : आर्थिक मामलों में आपको संभलकर रहें |जल से दूरी बनाये रखें |
कुम्भ : ज्योतिष आचार्या अंजु आनंद के अनुसार राहू का सप्तम भाव में आना जीवन साथी से आपके संबंधों को प्रभावित करेगा और मानसिक तनाव उत्पन्न करेगा व्यापार में किसी भी तरह का जोखिम न ले एवं अपने अधीनस्थ कर्मचारियों से सतर्क रहें अन्यथा हानि हो सकती है | लेकिन केतु का लग्न में आना आपकी इच्छाशक्ति और आत्मबल बढ़ाएगा इस समय पैतृक सम्पति से लाभ प्राप्त हो सकता है। यह संचार मिले जुले परिणाम देने वाला होगा। लेकिन पार्टनर शिप के कार्यो में हानि हो सकती है।
उपाय : मानसिक तनाव न लें | वाद विवाद से दूर रहें
 मीन: ज्योतिष आचार्या अंजु आनंद के अनुसार षष्ट भाव में राहू और द्वादश भाव में केतु का संचार आपके लिए कठिनाई पैदा कर सकता है |  अनावश्यक खर्चे बढ़ने से वित्तीय स्तिथि डाँवाडोल हो सकती है इच्छा शक्ति में कमी के कारण ही आप हर समस्या से भागने का प्रयास करेंगे  नौकरी व्यवसाय में काफी पर‌िश्रम और संघर्ष करना पड़ सकता है, सोच-समझकर कदम बढ़ाएं। रिपु भाव में राहु और गुरु की युति आपके स्वास्थ्य के लिए शुभ सूचक नहीं है | जहाँ एक और स्वास्थ्य बिगड़ने का खतरा है वहीँ राहु आपको कोर्ट कचहरी के मामलों में राहत दिलाएगा, शत्रु परास्त होंगे और आपका दबदबा बनेगा | किसी प्रकार की दुर्घटना से धन हानि हो सकती है।
#ज्योतिष_आचार्या_अंजु_आनंद
चंडीगढ़


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